दिल्ली, भारत। प्रधानमंत्री मोदी ने आज बुधवार को इन्वेस्ट कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह में वर्चुअली शामिल हुए समारोह को संबोधित किया।
निवेश कर्नाटक 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न अपने संबोधन में कहा- ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में दुनिया के कोने से आए सभी साधियों का भारत में स्वागत है। आपका कर्नाटक के बेंगलुरु में स्वागत है। यह वो जगह है जहां परंपरा भी है और तकनीकी भी है। पिछले वर्ष भारत ने करीब 84 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड Foreign direct investment हासिल किया था। आप भी जानते हैं कि नतीजे तब आ रहे हैं, जब दुनिया कोविड महामारी और युद्ध की परिस्थितियों से जूझ रही है। कर्नाटक वह जगह है, जहां परंपरा मौजूद है, और तकनीक भी। यह एक ऐसी जगह है, जहां पर प्रकृति और संस्कृति के बीच खूबसूरत तालमेल देखा जा सकता है। यह वह स्थान है जो न केवल अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए बल्कि अपने जीवंत स्टार्टअप के लिए भी जाना जाता है।
भले ही ये ग्लोबल क्राइसिस का दौर है, लेकिन दुनिया भर के एक्सपर्ट्स, विश्लेषक और अर्थव्यवस्था के जानकार भारत को ब्राइट स्पॉट बता रहे हैं। और हम अपने fundamentals पर लगातार काम कर रहे हैं, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था दिनों दिन मजबूत हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पिछले कुछ महीनों में भारत ने जो भी मुक्त व्यापार सौदे किए हैं, उससे दुनिया को भारत की तैयारियों की झलक मिल गई है।
एक ओर जहां हम एफडीआई क्षेत्र में तेजी से विकास का अनुभव कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश में चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
हमने निवेशकों को रेट टेप के जाल में उलझाने के बजाय रेड कार्पेट का माहौल बनाया है। हमने नए-नए उलझाऊ कानून बनाने के बजाय उन्हें युक्तिसंगत बनाया है
आज दुनिया इंटस्ट्री 4.0 की तरफ बढ़ रही है, भारत के युवा, बीते वर्षों में अपने यहां 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न बना चुके हैं। भारत में 8 साल में 80 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स बने हैं।
आज कर्नाटक के पास डबल इंजन की पावर है। Ease Of Doing Business में कर्नाटक लगातार टॉप रैकर्स में अपनी जगह बनाए हुए है। फार्च्यून 500 कंपनियों में से 400 कर्नाटक में हैं। भारत के 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न में से 40 से ज्यादा कर्नाटक में हैं।
गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के तरीके को बदल दिया है।
विकासशील बुनियादी ढांचे के साथ-साथ मौजूदा बुनियादी ढांचे का नक्शा भी तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान लास्ट माइल कनेक्टिविटी का ध्यान रखा जाता है।
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