CM एकनाथ शिंदे के फर्जी हस्ताक्षर- जाली स्टांप, विधायक सुनील भुसारा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

Fake Signature of CM Eknath Shinde : कई ज्ञापनों और पत्रों में सीएम के नकली हस्ताक्षर और मोहरों का इस्तेमाल कर उन्होंने अनुमति प्रदान की गई। इसको लेकर मुंबई के थाने में FIR दर्ज करवाई है।
Fake Signature of CM Eknath Shinde
Fake Signature of CM Eknath ShindeRaj Express
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हाइलाइट्स

  • महाराष्ट्र सीएम के जाली हस्ताक्षर और स्टांप की कर्मचारियों ने की शिकायत।

  • मरीन ड्राइव पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किया मामला।

Fake Signature of CM Eknath Shinde : मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे फर्जी हस्ताक्षर और जाली स्टांप का मामला सामने आया है। कई ज्ञापनों और पत्रों में सीएम के नकली हस्ताक्षर और मोहरों का इस्तेमाल कर उन्होंने अनुमति प्रदान की गई। इसको लेकर मुंबई के थाने में FIR दर्ज करवाई गई है। वहीं NCP (SCP) नेता और विधायक सुनील भुसारा ने इस मामले में उच्च स्तरीय जाँच करने की मांग की है।

NCP (SCP) नेता और विधायक सुनील भुसारा ने कहा, एकनाथ शिंदे के साथ बहुत सारे मंत्री हैं, जिनके ठेकेदार यहां अपनी विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए आते हैं, वे नकली हस्ताक्षर, नकली दस्तावेज और नकली टिकट बनाते हैं। हमने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

महाराष्ट्र सीएमओ में कर्मचारियों ने पाया कि, कुछ ज्ञापनों और पत्रों में सीएम के नकली हस्ताक्षर और मोहरें थीं, जिसके बाद कर्मचारियों ने इसे वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया और मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मुंबई पुलिस ने सीएम एकनाथ शिंदे के फर्जी हस्ताक्षर और जाली स्टांप के इस्तेमाल को लेकर महाराष्ट्र सीएम कार्यालय के डेस्क अधिकारी की शिकायत पर मरीन ड्राइव पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी 420, 465,468,471 और 473 के तहत मामला दर्ज किया।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि हस्ताक्षर जाली हैं और मेमोरेंडम पर उपयोग किए गए स्टाम्प भी जाली हैं। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि ये जो 12 जाली मेमोरेंडम मिले हैं, उन्हें पिछले 2 महीनों के भीतर ही जारी किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी किए गए एक बयान के अनुसार, मरीन लाइन्स पुलिस थाने में यह शिकायत दर्ज कराई गई है। इसमें कहा गया, सीएमओ को आगे की कार्रवाई के लिए टिप्पणियों के साथ मुख्यमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन और पत्र प्राप्त होते हैं, जिसके बाद दस्तावेजों को डाक अनुभाग और ई-ऑफिस प्रणाली के साथ पंजीकृत किया जाता है और फिर संबंधित विभागों को भेज दिया जाता है।

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