स्वामी आत्मानंद स्कूल में घूसखोरी का मामला, एडमिशन के बदले की जा रही है पैसों की मांग

Bribery in Atmanand School: हर एक बच्चे का एडमिशन कराने के लिए प्यून ने अभिभावकों से 4-4 हजार रुपए की रिश्वत मांगी है। अभिभावकों के पास पैसे की लेनदेन का ऑडियो रिकार्डिंग अन्य साक्ष्य भी हैं।
Bribery in Anandamay School
Bribery in Anandamay SchoolRE- Bhopal
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Bribery in Atmanand School: छत्तीसगढ़ में सरकार ने गरीब बच्चों के लिए आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की थी। इस विद्यालय में गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जानी थी। पर यहाँ भी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इन विद्यालयों को लेकर बड़े-बड़े दावे भी किये गए थे। लेकिन ऐसी खबर मिल रही है कि बच्चों के एडमीशन के लिए पैसे की मांग की जा रही है। इससे सरकारी दावों पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है मामला :

जानकारी के अनुसार बालोद जिले के डौंडी स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों के एडमिशन कराने के नाम पर पैसे की मांग की गयी है। यह बेहद चौंकाने वाला मामला है। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि, इस स्कूल में बच्चों को भर्ती कराने के लिए उन्होंने स्कूल के प्यून मोहित धनकर को पैसे दिए हैं। प्रत्येक बच्चे का एडमिशन कराने के लिए प्यून ने अभिभावकों से 4-4 हजार रुपए की रिश्वत मांगी है। अभिभावकों के पास पैसे की लेनदेन का ऑडियो रिकार्डिंग और ऑनलाइन मोड से भेजे गए पैसों के साक्ष्य भी मौजूद है।

प्रिंसिपल के माध्यम से आपके बच्चों की भर्ती करवा दूंगा:

प्यून ने अभिभावकों को ये कहते हुए भरोसा दिलाया कि, स्कूल के प्रिंसिपल के माध्यम से आपके बच्चों की भर्ती करवा दूंगा। जब बच्चों को एडमिशन नहीं मिला तो डौंडी विकास खण्ड के गाँव मरकटोला के अभिभावकों ने मोर्चा खोल विकासखंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से लिखित शिकायत की। अब तक 6 अभिभावकों ने चपरासी को पैसे दिए है। किसी ने पहली क़िस्त के रूप में 4 हजार दिए, किसी ने 2 हजार तो किसी ने 1500 की किश्त प्यून को दी है।

मिलीभगत का आरोप:

इस मामले में प्यून के साथ उच्च अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगा कर अभिभावकों ने जांच कार्रवाई की मांग की है। वहीं आरोपी प्यून का कहना है कि, मैने प्रिंसिपल के कहने पर ही बच्चों के पालकों से एडमिशन कराने के लिए पैसे लिए हैं। इस मामले में प्रिंसिपल ने प्यून के आरोपों को झूठा बताते हुए बदनाम करने की साजिश करने की बात कही है।

अभिभावकों ने बताया कि, यह प्यून के अकेले का काम नहीं है। प्रिंसिपल की भी पूरे मामले में मिलीभगत है। कलेक्टर को आवेदन किया गया है। प्यून के साथ-साथ प्रिंसिपल पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि दोबारा गलती न हो। हालांकि, मामला सामने आने के बाद जांच टीम गठित कर जांच शुरू कर दी गई है। सवाल उठाये जा रहें हैं कि, प्यून की इतनी हिम्मत कैसे हो गयी की उसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया। इस मामले में प्यून के साथ कई और अधिकारीयों के शामिल होने की आशंका है।

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